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Swachh bharat abhiyan स्वच्छ भारत अभियान
स्वच्छ भारत अभियान Swachh bharat abhiyan भारत सरकार द्वारा स्टार्ट किया गया एक बहुत ही महत्वकांक्षी राष्ट्रीय स्तर का अभियान है। इस कार्यक्रमका उद्देश्य गलियों, सड़कों औरपुरे पर्यावरण को साफ-सुथरा करना और कूड़ा मुक्त रखना है। यह लेख काफी शोध करने के बाद यहाँ पर दिया जा रहा है , अन्य जानकारी के लिए आप ओफ़िशिअल साईट पर जाकर भी चेक कर सकते हैं l स्कूल के बच्चे इस लेख को ” स्वच्छ भारत अभियान Swachh bharat abhiyan एक essay निबंध रूप से लिखने के लिए जानकारी का उपयोग कर सकते हैं l
स्वच्छ भारत अभियान कब शुरू किया गया?
यह अभियान 2 अक्टूबर, 2014 को शुरू किया गया था।
स्वच्छ भारत अभियान का 10 लाइन क्या है
देश में स्वच्छता की संस्कृति को बढ़ावा देना
लोगों को साफ़ सफाई के महत्व के बारे में जागरूक करना है l
देश में खुले में शौच को समाप्त करना
पर्यावरण को स्वच्छ और स्वस्थ बनाना
स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए, सरकार ने विभिन्न पहलों की शुरुआत की है। इन पहलों में शामिल हैं:
सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण
स्वच्छता के बारे में जागरूकता अभियान
स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए कानून और नियमों का निर्माण
स्वच्छ भारत अभियान देश में स्वच्छता की स्थिति में सुधार करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस अभियान के माध्यम से, सरकार देश को एक स्वच्छ और स्वस्थ देश बनाने का प्रयास कर रही है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का स्वच्छ भारत का सपना
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश को दासता से मुक्त कराया, लेकिन उनका स्वच्छ भारत का सपना पूरा नहीं हो सका। महात्मा गांधी स्वच्छता के महत्व में विश्वास रखते थे। वे कहते थे कि स्वच्छता व्यक्तिगत और सामाजिक दोनों स्तरों पर महत्वपूर्ण है।
महात्मा गांधी स्वच्छता के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए लगातार प्रयास करते थे। वे लोगों को स्वच्छता बनाए रखने के लिए प्रेरित करते थे। उन्होंने स्वयं भी स्वच्छता के नियमों का पालन किया।
महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के लिए, हमें स्वच्छता के प्रति जागरूक होना चाहिए। हमें अपने आसपास की सफाई का ध्यान रखना चाहिए। हमें खुले में शौच से बचना चाहिए। हमें स्वच्छता के नियमों का पालन करना चाहिए।
यदि हम सभी मिलकर प्रयास करें, तो हम महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार कर सकते हैं।
निर्मल भारत अभियान nirmal bharat abhiyan (1999-2014)
आधिकारिक रूप से 1 अप्रैल 1999 से शुरू, भारत सरकार ने व्यापक ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम का पुनर्गठन किया और पूर्ण स्वच्छता अभियान (टीएससी) शुरू किया। इस अभियान का उद्देश्य ग्रामीण भारत में खुले में शौच को समाप्त करना था।
उद्देश्य
टीएससी के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित थे:
ग्रामीण भारत में खुले में शौच को समाप्त करना।
स्वच्छता की संस्कृति को बढ़ावा देना।
पर्यावरण को स्वच्छ और स्वस्थ बनाना।
कार्य
टीएससी के तहत, सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालयों के निर्माण के लिए सब्सिडी प्रदान की। सरकार ने लोगों को स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए भी विभिन्न अभियान चलाए।
लक्ष्य
टीएससी का लक्ष्य 2012 तक ग्रामीण भारत को खुले में शौच मुक्त बनाना था।
सफलता
टीएससी को काफी सफलता मिली। 2012 तक, ग्रामीण भारत में खुले में शौच करने वाले लोगों की संख्या में काफी कमी आई थी।
नाम परिवर्तन
1 अप्रैल 2012 को, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने टीएससी का नाम बदलकर निर्मल भारत अभियान (एनबीए) कर दिया। इस नाम परिवर्तन का उद्देश्य अभियान को अधिक प्रभावी बनाना था।
निर्मल ग्राम पुरस्कार
एनबीए के तहत, खुले में शौच मुक्त होने वाले गांवों को निर्मल ग्राम पुरस्कार से सम्मानित किया जाता था। इस पुरस्कार में आर्थिक सहायता और प्रचार शामिल होता था।
निष्कर्ष
निर्मल भारत अभियान (1999-2014) एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम था जिसने ग्रामीण भारत में खुले में शौच को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अभियान के माध्यम से, भारत एक स्वच्छ और स्वस्थ देश बनने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ा।
ग्रामीण भारत में स्वच्छता: जन-केन्द्रित प्रयास
निर्मल भारत अभियान ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता आदतों को सुधारने, सुविधाओं की मांग बढ़ाने और स्वच्छता उपलब्ध कराने पर केंद्रित है। लक्ष्य खुले में शौच मुक्त भारत और बेहतर ग्रामीण जीवन है।
राष्ट्रीय अभियान पांच वर्षों में लगभग 11 करोड़ शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य लेकर चल रहा है। लागत ₹1,34,000 करोड़ होने का अनुमान है। बड़े पैमाने पर कचरे को जैव उर्वरक और ऊर्जा में बदलने की भी योजना है।
ग्रामीण आबादी, शिक्षक, छात्र, पंचायतें और सरकारी निकाय सभी इस अभियान में शामिल हैं।
व्यक्तिगत शौचालयों की लागत ₹12,000 हो गई है, जिसमें हाथ धोने, सफाई और भंडारण की सुविधाएं शामिल हैं। सरकार ₹9,000 अनुदान देगी, बाकी राज्य सरकार से आएगा। कुछ राज्यों के लिए अलग दरें हैं।
यह जन-आधारित और व्यापक स्वच्छता अभियान ग्रामीण जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की उम्मीद जगाता है।
शहरी क्षेत्रों के लिए स्वच्छ भारत मिशन
स्वच्छ भारत मिशन अर्बन का उद्देश्य अर्बन क्षेत्रों में खुले में शौच को ख़त्म करना, स्वच्छता सुविधाओं में सुधार करना और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को उन्नत बनाना है।
मुख्य लक्ष्य:
1.04 करोड़ परिवारों को ध्यान में रखते हुए 2.5 लाख समुदायिक शौचालय का निर्माण, 2.6 लाख सार्वजनिक शौचालय बनाना, और प्रत्येक अर्बन एरिया में एक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की सुविधा देनाl
खुले में शौच, अस्वच्छ टॉयलेट्स को फ्लश शौचालय में updated करने, मैला ढोने की प्रथा का जड़ से उन्मूलन करने, नगरपालिका ठोस अपशिष्ट का प्रबंधन करना और स्वस्थ एवं स्वच्छता से जुड़ीं जानकारी के संबंध में लोगों को जागरूक करना आदि।
प्रमुख पहल:
शौचालयों का निर्माण: इस कार्यक्रम के तहत आवासीय क्षेत्रों में जहाँ व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों का निर्माण करना मुश्किल है वहाँ सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया जाएगा। पर्यटन स्थलों, बाजारों, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशनों जैसे प्रमुख स्थानों पर भी सार्वजनिक शौचालय का निर्माण किया जाएगा।
सार्वजनिक शौचालय
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन: इस कार्यक्रम के तहत सभी शहरों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (SWM) योजनाओं को लागू किया जाएगा। इन योजनाओं में कचरे के संग्रह, परिवहन, निपटान और पुनर्चक्रण शामिल हैं।
जनजागरूकता: इस कार्यक्रम के तहत स्वच्छता और स्वास्थ्य के महत्व के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए अभियान चलाए जाएंगे।
प्रभाव:
इस कार्यक्रम के सफल कार्यान्वयन से शहरी क्षेत्रों में खुले में शौच को समाप्त करने में मदद मिलेगी।
इससे स्वच्छता सुविधाओं तक पहुंच में सुधार होगा और स्वच्छता और स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार होगा।
इससे नगरपालिका ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार होगा।
स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) एक महत्वपूर्ण पहल है जो शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन की गई है। इस कार्यक्रम के सफल कार्यान्वयन से शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद मिलेगी।
स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन स्वच्छ भारत-स्वच्छ विद्यालय अभियान केन्द्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालय संगठन में आयोजित किया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य बच्चों में स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और स्कूलों को स्वच्छ और स्वच्छ बनाना है।
इस अभियान के तहत निम्नलिखित गतिविधियां की जाएंगी:
स्कूल कक्षाओं के दौरान प्रतिदिन बच्चों के साथ सफाई और स्वच्छता के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करना, विशेष रूप से महात्मा गांधी की स्वच्छता और अच्छे स्वास्थ्य से जुड़ीं शिक्षाओं के संबंध में।
कक्षा, प्रयोगशाला और पुस्तकालयों आदि की सफाई करना।
स्कूल में स्थापित किसी चित्र मूर्ति या कोई अन्य विशेष वस्तु जिससे स्कूल की स्थापना करने वाले व्यक्ति के या जिसने स्कूल को भूमि दान दी हो के योगदान के बारे में बात करना और इन विशेष वस्तुओं आदि की रखवाली व् साफ सफाई करना
शौचालयों और पीने के पानी वाले क्षेत्रों की निगरानी करना व् सफाई करना।
रसोई और सामान ग्रह की सफाई करना।
खेल के मैदान की सफाई करना।
स्कूल बगीचों का रखरखाव और सफाई करना।
स्कूल भवनों का वार्षिक रखरखाव रंगाई एवं पुताई l
निबंध, वाद-विवाद, चित्रकला, सफाई और स्वच्छता पर प्रतियोगिताओं का आयोजन करना।
‘बाल -मंत्रिमंडलों निगरानी दल बनाना और सफाई क्रियाकलापों की निगरानी करना।
इसके अलावा, स्कूल के छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों और समुदाय के सदस्यों को शामिल करते हुए सप्ताह में दो बार आधे घंटे सफाई अभियान शुरू करने का प्रस्ताव भी रखा गया है।
प्रभाव
इस अभियान के सफल कार्यान्वयन से निम्नलिखित प्रभाव पड़ेंगे:-
बच्चों में स्वच्छता के महत्व के बारे में उनकी जानकारी व् जागरूकता बढ़ेगी।
स्कूल साफ़ और स्वच्छ बनेंगे।
बच्चों में स्वच्छता के प्रति धनात्मक दृष्टिकोण विकसित होगा।
स्कूलों में बीमारियों को रोकने में मद्द मिलेगीl
निष्कर्ष
स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान एक महत्वपूर्ण पहल है जो बच्चों में साफ़ सफाई के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और स्कूलों को स्वच्छ और स्वच्छ बनाने के लिए एक रणनीतिक रूप से कार्य करेगीl
इस कार्यक्रम के सफल कार्यान्वयन से स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के जीवन स्तर में सुधार होगा और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को उन्हें समझने में साहयता मिलेगीl
स्वच्छ भारत मिशन के ब्रांड एंबेसडर
स्वच्छ भारत मिशन एक जन-आधारित स्वच्छता अभियान है, जिसका उद्देश्य भारत को खुले में शौच से मुक्त बनाना है। इस अभियान को प्रचारित करने के लिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 लोगों को ब्रांड एंबेसडर के रूप में चुना है। ये ब्रांड एंबेसडर विभिन्न क्षेत्रों से हैं, जिनमें खेल, फिल्म, मनोरंजन, राजनीति और समाजसेवा शामिल हैं।
स्वच्छ भारत मिशन के लिए नामांकित
2 अक्टूबर 2014 को, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन के लिए नौ लोगों और कई संगठनों को नामांकित किया। इन नामांकित व्यक्तियों और संगठनों का चयन उनकी स्वच्छता और पर्यावरण के प्रति समर्पण और उनके द्वारा किए गए कार्यों के आधार पर किया गया था।
नामांकित व्यक्ति :-
कपिल शर्मा, एक लोकप्रिय भारतीय हास्य अभिनेता
सौरव गांगुली, एक पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान
किरण बेदी, एक पूर्व भारतीय पुलिस अधिकारी
पद्मनाभ आचार्य, नागालैंड के राज्यपाल
सोनल मानसिंह, एक प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय नर्तकी
रामोजी राव, एक भारतीय उद्यमी और इनाडू समूह के अध्यक्ष
अरुण पुरी, एक भारतीय पत्रकार और इंडिया टुडे समूह के अध्यक्ष
नामांकित संगठन
भारत के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान
इनाडू समूह
इंडिया टुडे समूह
मुंबई के डब्बावाले
लक्ष्य
इन नामांकित व्यक्तियों और संगठनों का उद्देश्य स्वच्छ भारत मिशन के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को स्वच्छता के महत्व के बारे में शिक्षित करना है। वे विभिन्न माध्यमों से इस अभियान का प्रचार करते हैं, जिनमें टीवी, रेडियो, समाचार पत्र, सोशल मीडिया और व्यक्तिगत उपस्थिति शामिल हैं।
प्रभाव
इन नामांकित व्यक्तियों और संगठनों के प्रचार के परिणामस्वरूप स्वच्छ भारत मिशन को काफी लोकप्रियता मिली है। अभियान ने भारत में खुले में शौच को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
विशेष उल्लेखनीय
कपिल शर्मा और सौरव गांगुली जैसे लोकप्रिय व्यक्तियों का नामांकन स्वच्छ भारत मिशन को युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाने में मदद करेगा।
किरण बेदी का नामांकन स्वच्छ भारत मिशन को महिलाओं और बच्चों के लिए अधिक सार्थक बना सकता है।
पद्मनाभ आचार्य और सोनल मानसिंह जैसे विख्यात व्यक्तित्वों का नामांकन स्वच्छ भारत मिशन को एक सामाजिक प्रतिष्ठा प्रदान कर सकता है।
रामोजी राव और अरुण पुरी जैसे उद्योगपति और पत्रकारों का नामांकन स्वच्छ भारत मिशन को एक व्यावसायिक और आर्थिक पहल के रूप में बूस्टकरेगा l
मुंबई के डब्बावाले का नामांकन स्वच्छ भारत मिशन को एक सांस्कृतिक पहल के रूप में प्रस्तुत कर सकता है।
ब्रांड एंबेसडर
सचिन तेंडुलकर: भारतीय क्रिकेट के महानतम खिलाड़ियों में से एक।
प्रियंका चोपड़ा: बॉलीवुड की सबसे लोकप्रिय अभिनेत्रियों में से एक।
अनिल अंबानी: रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन।
बाबा रामदेव: योग गुरु और आयुर्वेदिक व्यवसायी।
सलमान खान: बॉलीवुड के सबसे सफल अभिनेताओं में से एक।
शशि थरूर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता।
तारक मेहता का उल्टा चश्मा: टीवी की सबसे लोकप्रिय कॉमेडी धारावहिक के कलाकार।
मृदुला सिन्हा: प्रसिद्ध पत्रकार और लेखिका।
कमल हसन: तमिल फिल्मों के सुपरस्टार।
विराट कोहली: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान।
MS धोनी: इंडियन क्रिकेट टीम के पूर्व कैप्टेन
लक्ष्य
इन ब्रांड एंबेसडरों का उद्देश्य स्वच्छ भारत मिशन के बारे में जागरूकता बढ़ाना और लोगों को स्वच्छता के महत्व के बारे में शिक्षित करना है। वे विभिन्न माध्यमों से इस अभियान का प्रचार करते हैं, जिनमें टीवी, रेडियो, समाचार पत्र, MSसोशल मीडिया और व्यक्तिगत उपस्थिति शामिल हैं।
प्रभाव
इन ब्रांड एंबेसडरों के प्रचार के परिणामस्वरूप स्वच्छ भारत मिशन को काफी लोकप्रियता मिली है। अभियान ने भारत में खुले में शौच को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
स्वच्छ भारत मिशन: एक सफलता की कहानी
स्वच्छ भारत अभियान किसने शुरू किया था?
स्वच्छ भारत मिशन, दुनिया की सबसे बड़ी स्वच्छता पहल, भारत सरकार द्वारा 2014 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य 2 अक्टूबर, 2019 तक भारत को खुले में शौच मुक्त बनाना था। अभियान को महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि के रूप में शुरू किया गया था, जिन्होंने स्वच्छता के महत्व पर जोर दिया था।
स्वच्छ भारत मिशन ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं।
2014 में, भारत में स्वच्छता कवरेज केवल 39% था। अभियान के तहत, 10 करोड़ से अधिक व्यक्तिगत घरेलू शौचालयों का निर्माण किया गया, जिससे स्वच्छता कवरेज 2019 में 100% हो गया।
इससे भारत ने सतत विकास लक्ष्य 6.2 (स्वच्छता और स्वच्छता) को निर्धारित समय सीमा से 11 साल पहले हासिल किया।
स्वच्छ भारत मिशन ने भारत में महत्वपूर्ण आर्थिक, पर्यावरणीय और स्वास्थ्य प्रभाव डाला है। इसने महिलाओं के सशक्तिकरण में भी योगदान दिया है। खुले में शौच से महिलाओं को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता था, जैसे कि मूत्राशय और गर्भाशय के संक्रमण, यौन उत्पीड़न और हिंसा। स्वच्छ भारत मिशन ने महिलाओं को घरों में शौचालय का उपयोग करने में सक्षम बनाया है, जिससे उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य में सुधार हुआ है।
स्वच्छ भारत मिशन का दूसरा चरण फरवरी 2020 में शुरू हुआ। इस चरण का उद्देश्य ओडीएफ स्थिति की स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करना और गांवों को ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) से कवर करना है। 2024-25 तक, गांवों को ओडीएफ से ओडीएफ प्लस में बदल दिया जाना है।
ओडीएफ प्लस गांवों के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, छूटे हुए और नए उभरते परिवारों को आईएचएचएल तक पहुंच प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसके अलावा, बायोडिग्रेडेबल अपशिष्ट प्रबंधन, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन, ग्रेवाटर प्रबंधन और मल कीचड़ प्रबंधन पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
ओडीएफ प्लस ODF PLUS गांवों के तीन प्रगतिशील चरण हैं:
ओडीएफ प्लस आकांक्षी गांव: यह एक ऐसा गांव है जो अपनी ओडीएफ स्थिति को बरकरार रखता है और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन या तरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था करता है।
ओडीएफ प्लस राइजिंग गांव: यह एक ऐसा गांव है जो अपनी ओडीएफ स्थिति को बनाए रखता है और जिसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन या तरल अपशिष्ट प्रबंधन दोनों की व्यवस्था है।
ओडीएफ प्लस मॉडल गांव: यह एक ऐसा गांव है जो अपनी ओडीएफ स्थिति को बरकरार रखता है और जिसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और तरल अपशिष्ट प्रबंधन दोनों की व्यवस्था है। इसके अलावा, यह दृश्य स्वच्छता का निरीक्षण करता है और ओडीएफ प्लस सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) संदेश प्रदर्शित करता है।
अक्टूबर 2023 में, डीडीडब्ल्यूएस के आईएमआईएस के अनुसार, 78 प्रतिशत से अधिक गांवों ने खुद को ओडीएफ प्लस घोषित कर दिया है। डीडीडब्ल्यूएस गति बढ़ाने के लिए विभिन्न नवोन्वेषी अभियानों को क्रियान्वित कर रहा है, जिससे ओडीएफ प्लस लक्ष्यों को प्राप्त करने के साथ-साथ एक स्वच्छ, हरित और स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण होगा।
सामुदायिक भागीदारी की भूमिका
स्वच्छ भारत मिशन की सफलता में सामुदायिक भागीदारी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। गांवों के लोग स्वच्छता के महत्व को समझते हैं और वे अपने गांवों को स्वच्छ बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वे स्वच्छता अभियानों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि शौचालयों का उपयोग किया जाए और कचरा साफ रखा जाए।
स्वच्छ भारत मिशन एक सफलता की कहानी है। इसने भारत को एक स्वच्छ और स्वस्थ राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।