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India republic day भारत का गणतंत्र दिवस और संविधान का गौरव
हर साल 26 जनवरी को दिल्ली के इंडिया गेट के पास पूरे देश का हृदय एक साथ धड़कता है। भारत अपना India republic day गणतंत्र दिवस मनाता है, एक उत्सव जो हमारे लोकतंत्र और संविधान की महानता को दर्शाता है। इस भव्य समारोह में रंगारंग कार्यक्रम होते हैं, राष्ट्रगान गूंजता है और आनंद का सैलाब उमड़ता है। हर भारतवासी इसका हिस्सा बनना चाहता है, यही वजह है कि गणतंत्र दिवस सिर्फ एक राष्ट्रीय अवकाश नहीं बल्कि राष्ट्रीय पर्व की तरह मनाया जाता है।
why we celebrate republic day गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है
1950 में इसी दिन हमारे संविधान को लागू किया गया था। इससे पहले, 1935 का भारत सरकार अधिनियम ही देश का सर्वोच्च कानून था, लेकिन संविधान ने उसे बदल दिया और ब्रिटिश शासन के अवशेषों को मिटाते हुए भारत को एक स्वतंत्र और पूर्ण गणराज्य बना दिया। देश को नया रूप देने के लिए संविधान निर्माताओं ने ब्रिटिश संसद के पुराने कानूनों को निरस्त कर दिया। 26 जनवरी को हमारा संविधान लागू हुआ, इसलिए हम इसी दिन भारत का गणतंत्र दिवस मनाते हैं।
संविधान निर्माण में कई महान हस्तियों का योगदान रहा। डॉ. बी. आर. अंबेडकर ने मसौदा समिति का नेतृत्व किया, जवाहरलाल नेहरू ने संघीय शक्ति समिति और संघीय संविधान समिति की अध्यक्षता की, जबकि वल्लभभाई पटेल प्रांतीय संविधान समिति और मौलिक अधिकार, अल्पसंख्यक और आदिवासी एवं बहिष्कृत क्षेत्रों की सलाहकार समिति के प्रमुख थे। इन समितियों ने देश के हर पहलू पर गहन विचार किया और एक ऐसा संविधान तैयार किया जो हर भारतीय को समानता, न्याय और स्वतंत्रता का वचन देता है।
भारतीय संविधान को बनाने के लिए दुनिया के कई देशों के संविधानों का अध्ययन किया गया। ब्रिटेन, अमेरिका, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, कनाडा, सोवियत संघ, जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका और जापान के संविधानों से प्रेरणा ली गई। इस तरह एक ऐसा संविधान तैयार किया गया जो भारतीय मूल्यों और परिस्थितियों के अनुरूप हो।
26 जनवरी का दिन सिर्फ एक अवकाश नहीं है, बल्कि हमारे संविधान के प्रति कृतज्ञता और सम्मान व्यक्त करने का अवसर है। इस दिन हम उस स्वतंत्रता और लोकतंत्र का जश्न मनाते हैं जो हमारे संविधान ने हमें प्रदान किया है। आइए हम सब संविधान के मूल्यों को बनाए रखने और इस महान लोकतंत्र
26 जनवरी का महत्वपूर्ण अर्थ: भारतीय गणतंत्र दिवस India republic day
26 जनवरी हमारे लिए सिर्फ एक राष्ट्रीय अवकाश नहीं, बल्कि भारतीय संविधान और नागरिक सशक्तिकरण के उत्सव का पवित्र दिन है। इसी दिन 1950 में भारतीय संविधान लागू हुआ, जिसने देश को एक स्वतंत्र गणराज्य के रूप में स्थापित किया और ‘लोगों का, लोगों के लिए, लोगों द्वारा’ की भावना के साथ सत्तारूढ़ सिद्धांत स्थापित किया।
दरअसल, भारतीय संविधान एक विशाल दस्तावेज है जो भारत सरकार और उसके नागरिकों के अधिकारों, कर्तव्यों और शासन प्रक्रियाओं को परिभाषित करता है। यह सत्ता को सीधे नागरिकों के हाथों में सौंपता है, उन्हें अपने शासन को चुनने और उसमें भाग लेने का अधिकार देता है। यही कारण है कि गणतंत्र दिवस भारतीय नागरिकों को स्वतंत्र रूप से अपनी सरकार चुनने की शक्ति प्राप्ति का जश्न मनाता है।
इसलिए, यह राष्ट्रीय अवकाश न केवल संविधान निर्माण की ऐतिहासिक घटना का स्मरण कराता है, बल्कि भारतीय लोकतंत्र और नागरिक स्वतंत्रता की जीत का प्रतीक भी है। यह याद दिलाता है कि हम एक ऐसे राष्ट्र का हिस्सा हैं जहां लोकतंत्र और समानता के मूल्य सर्वोच्च हैं।
26 जनवरी के दिन हम उन महान नेताओं को श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने हमारे संविधान को बनाया और हमें यह अनमोल अधिकार दिलाया। साथ ही, यह दिन हर नागरिक को लोकतंत्र की रक्षा, संविधान के सिद्धांतों का पालन और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की याद दिलाता है।
संक्षेप में, 26 जनवरी हमें याद दिलाता है कि:
- हम एक गणतंत्र हैं, जहां सत्ता जनता के हाथों में है।
- भारतीय संविधान हमारे अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करता है।
- लोकतंत्र हमारी जिम्मेदारी है, हमें उसकी रक्षा करनी चाहिए।
- राष्ट्र निर्माण में हमारा हर छोटा-बड़ा योगदान महत्वपूर्ण है।
आइए मिलकर संविधान के मूल्यों और लोकतांत्रिक परंपराओं को बनाए रखते हुए हमारे महान राष्ट्र को और मजबूत बनाएं।
India republic day गणतंत्र दिवस: शौर्य, संस्कृति और राष्ट्रीय गौरव का उत्सव
भारत का गणतंत्र India republic day दिवस सिर्फ छुट्टी का दिन नहीं, बल्कि अपने देश की मिट्टी की धड़कन को महसूस करने का पावन अवसर है। यह वह दिन है जब हम अपने गणतंत्र की स्थापना और उसके मूल्यों को मनाते हैं। 26 जनवरी पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन दिल्ली का कर्तव्य पथ केंद्रबिंदु बन जाता है।
कर्तव्य पथ का ऐतिहासिक परेड: इस भव्य परेड में भारत की सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक विविधता और ‘नारी शक्ति’ का दर्शन होता है। यह परेड राष्ट्रपति की अध्यक्षता में आयोजित होती है और इस वर्ष मिस्र के राष्ट्रपति श्री अब्देल फतह अल-सीसी मुख्य अतिथि हैं। यह परेड न केवल देश की सैन्य ताकत का प्रदर्शन करती है, बल्कि देश के लिए अपनी जान न्योछावर करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि भी देती है। वीरता पुरस्कारों के प्रदान के माध्यम से यह समारोह उन सैनिकों, नागरिकों और बच्चों को सम्मानित करता है जिन्होंने मुश्किल परिस्थितियों में साहस का परिचय दिया।
शहीद दिवस का मार्मिक स्मरण: 30 जनवरी को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हम महात्मा गांधी को उनके शहीद दिवस पर श्रद्धांजलि देते हैं, जिन्हें 1948 में इसी दिन गोली मार कर शहीद कर दिया गया था। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेना प्रमुख राजघाट पर इकट्ठा होते हैं और बहुरंगी फूलों से सजे महात्मा गांधी की समाधि पर माल्यार्पण करते हैं। शहीदों के सम्मान में तीनों सेनाओं की टुकड़ी शस्त्र उलट कर खड़ी होती है। इस मौके पर धार्मिक प्रार्थना समारोह आयोजित किया जाता है और गांधी जी के प्रिय भजन गाए जाते हैं।
बीटिंग रिट्रीट समारोह: 29 जनवरी को विजय चौक पर होने वाला यह समारोह चार दिवसीय गणतंत्र दिवस समारोह का समापन होता है। समारोह में मुख्य अतिथि भारत के राष्ट्रपति होते हैं, जो ‘राष्ट्रपति के अंगरक्षकों’ (पीबीजी) द्वारा अनुरक्षित घुड़सवार दल में आते हैं। राष्ट्रपति के आने पर, पीबीजी कमांडर यूनिट को राष्ट्रीय सलामी देने का आदेश देता है, जिसके बाद मास बैंड द्वारा भारतीय राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ का वादन किया जाता है और साथ ही भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। समारोह के दौरान सेना के विभिन्न रेजिमेंटों के सैन्य बैंड, पाइप और ड्रम बैंड, बगलर और तुरही बजाने वाले कलाकार अपने हुनर का प्रदर्शन करते हैं। इसके अलावा, नौसेना और वायु सेना के बैंड भी मौजूद होते हैं। सेना के सैन्य बैंड द्वारा बजाए जाने वाले अधिकांश धुन भारतीय धुनों पर आधारित होते हैं।
बीटिंग रिट्रीट एक राष्ट्रीय गौरव का आयोजन बन गया है, जहां ध्वज और निशानों का मार्च होता है। समारोह 1950 के दशक की शुरुआत में अपने मूल को दर्शाता है, जब भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट्स ने मास बैंड द्वारा प्रदर्शन के अनूठ समारोह को स्वदेशी रूप से विकसित किया था। यह समारोह सदियों पुरानी सैन्य परंपरा को चिह्नित करता है, जब सैनिक लड़ाई बंद कर देते थे, अपने हथियार म्यान में रखकर सूर्यास्त के समय युद्ध के मैदान से वापस शिविरों में लौट आते थे।
गणतंत्र दिवस 2024 India republic day
इस वर्ष 26 जनवरी2024 को कौन सा गणतंत्र दिवस है which republic day is celebrated in 2024
महिला शक्ति, विविधता और गौरव का उत्सव: 75वां गणतंत्र दिवस परेड एक अनूठा अनुभव :- गणतंत्र दिवस 2024 India republic day , 75वें गणतंत्र दिवस पर भारत की राजधानी दिल्ली एक बार फिर देशभक्ति के रंग में सराबोर होने को तैयार है। 26 जनवरी को कर्तव्य पथ पर होने वाला परेड इस बार खास होगा, न सिर्फ इसलिए कि ये स्वतंत्र भारत का 75वां गणतंत्र दिवस है, बल्कि इसलिए भी कि इस बार ये महिला शक्ति और राष्ट्रीय एकता का अनूठा समागम होगा।
गणतंत्र दिवस 2024 परेड का मुख्य आकर्षण होगा महिला मार्चिंग दल।
पहली बार परेड में बड़ी संख्या में महिला सैनिक अपने कदमताल से ज़मीन थहराएंगी। देश की रक्षा में उनकी बढ़ती भूमिका को दर्शाता ये दृश्य हर किसी के दिल को गर्व से भर देगा। साथ ही, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के झांकियों में भी देश की सांस्कृतिक विविधता और विकास के नज़ारे दिखाए जाएंगे।
इस बार 100 महिला कलाकारों का एक समूह भारतीय वाद्य यंत्रों के मधुर स्वरों से परेड की शुरुआत करेगा। शंख, नादस्वरम, नगाड़े जैसे पारंपरिक वाद्य यंत्रों की रुनझुन हर भारतीय की आत्मा को झकझोर देगी। इससे पहले कभी भी परेड की शुरुआत इस अनूठे अंदाज़ में नहीं हुई है।
परेड में पहली बार त्रि-सेना का एक संयुक्त महिला दल कर्तव्य पथ पर मार्च करेगा। अर्धसैनिक बलों का दल भी बड़ी संख्या में महिला कर्मियों से बना होगा। रक्षा सचिव श्री गिरिधर अरामाने ने कहा, “इस साल के गणतंत्र दिवस पर महिलाओं का सबसे शानदार प्रतिनिधित्व दिखाई देगा।”
सुबह 10:30 बजे शुरू होने वाला परेड करीब 90 मिनट तक चलेगा। कर्तव्य पथ पर कुल 77,000 लोगों के बैठने की जगह है, जिसमें से 42,000 सीटें आम जनता के लिए आरक्षित हैं।
गणतंत्र दिवस 2024 India republic day के समारोह के मुख्य अतिथि
इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि होंगे। फ्रांस की 95 सदस्यीय मार्चिंग टुकड़ी और 33 सदस्यीय बैंड दल भी परेड में शामिल होगा। भारतीय वायुसेना के विमानों के साथ फ्रांसीसी वायुसेना का एक मल्टी रोल टैंकर ट्रांसपोर्ट (एमआरटीटी) विमान और दो राफेल विमान फ्लाई-पास्ट में भाग लेंगे।
इस साल करीब 13,000 विशिष्ट अतिथियों को भी परेड देखने का निमंत्रण दिया गया है। रक्षा सचिव ने कहा, “सरकार के ‘जन भागीदारी’ के दृष्टिकोण के अनुरूप जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों को राष्ट्रीय पर्व में भाग लेने का अवसर प्रदान करना हमारा उद्देश्य है।”
इन विशिष्ट अतिथियों में विभिन्न क्षेत्रों के बेहतरीन कलाकार और सरकारी योजनाओं के लाभार्थी शामिल हैं।
मुख्य सरकारी योजनायें निम्न हैं
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण और शहरी),
पीएम उज्ज्वला योजना,
पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि),
पीएम कृषि सिंचाई योजना,
पीएम फसल बीमा योजना,
पीएम विश्वकर्मा योजना,
पीएम अनुसुचित जाति अभ्युदय योजना,
पीएम मत्स्य संपदा योजना,
स्टैंड-अप इंडिया योजना,
प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना
और राष्ट्रीय गो कुल मिशन जैसे कार्यक्रमों के लाभार्थी इस बार परेड का गौरव बढ़ाएंगे।
स्वच्छ भारत अभियान, इलेक्ट्रॉनिक निर्माण क्षेत्र और केंद्रीय विस्टा परियोजना की महिला कार्यकर्ता, इसरो की महिला अंतरिक्ष वैज्ञानिक, योग शिक्षक, अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों के विजेता और पैरालंपिक पदक विजेता भी परेड में शामिल होंगे।
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