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What is Fastag and what about the KYC deadline
आज हम जानेंगे कि Fastag and what about the KYC deadline भारत सरकार ने पूरे देश के राष्ट्रीय राजमार्गों पर “फास्टैग” FASTag नाम की इलेक्ट्रॉनिक टोल भुगतान प्रणाली शुरू की है। ये सिस्टम नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की तरफ से लागू किया गया है और रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्नोलॉजी (RFID) पर आधारित है। 16 फरवरी 2021 से सभी चार पहिया वाहनों के लिए फास्टैग लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। अगर किसी गाड़ी में फास्टैग नहीं मिला, तो चालक को उस गाड़ी के वर्ग के लिए लागू होने वाले टोल शुल्क का दोगुना भुगतान करना पड़ता है । फास्टैग का संचालन पूरे भारत में 38 बैंकों द्वारा किया जाता है।
डिजिटलाइजेशन और भारतीय अर्थव्यवस्था
डिजिटलाइजेशन का भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों पर, जिसमें परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र भी शामिल है पर महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
यहां पर हम आपको बताना चाहेंगे कि कैसे डिजिटलाइजेशन ने परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को लाभ पहुंचाया है:-
दक्षता व् क्षमता बढ़ाना – डिजिटल तकनीकों जैसे कि जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम, रूट ऑप्टिमाइज़ेशन सॉफ्टवेयर और ऑनलाइन लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म के उपयोग से, माल की आवाजाही को बढ़ाने और वितरण समय को कम करने में मदद मिली है। इससे लागत कम हो गई है और ग्राहकों को बेहतर सेवा प्रदान करने में मदद मिली है।
पारदर्शिता बढ़ाना – ऑनलाइन ट्रैकिंग और ई-बिलिंग जैसी सुविधाओं से परिवहन और लॉजिस्टिक्स उद्योग में पारदर्शिता बढ़ी है। इससे माल के खोने या क्षतिग्रस्त होने के जोखिम को कम करने में मदद मिली है और साथ ही रीयल-टाइम में माल की स्थिति के बारे में जानकारी मिलती है।
लागत कम होना – डिजिटल तकनीकों के उपयोग से कागजी कार्रवाई कम हो गई है और प्रशासनिक कार्यों को स्वचालित करने में मदद मिली है। इससे समय और संसाधनों की बचत हुई है, जिससे कंपनियों को अपनी परिचालन लागत को कम करने में मदद मिली है।
नए व्यवसाय मॉडल की उत्त्पति – डिजिटलाइजेशन ने लॉजिस्टिक्स उद्योग में नए व्यवसाय मॉडल के नए आइडियाज भी शुरू हुए हैं जैसे उदाहरण के लिए, ऑन-डिमांड डिलीवरी सेवाएं, राइड-शेयरिंग और लास्ट-माइल लॉजिस्टिक्स कंपनियां डिजिटल तकनीकों पर निर्भर करती हैं।
इन नए व्यवसाय मॉडल ने रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं और उपभोक्ताओं को अधिक सुविधाजनक सेवाएं प्रदान की हैं।
कुल मिलाकर, डिजिटलाइजेशन ने भारतीय परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में क्रांति ला दी है। इसने दक्षता, पारदर्शिता और लागत प्रभावशीलता में सुधार किया है, और साथ ही नए व्यवसाय मॉडल और रोजगार के अवसर भी पैदा किए हैं।
What is Fastag and what about the KYC deadline
भारत में सड़क परिवहन यातायात का सबसे प्रमुख साधन है। इसमें राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों, शहरी सड़कों और ग्रामीण सड़कों का एक विशाल नेटवर्क शामिल है। पहले, टोल प्लाजा पार करते समय लंबी कतारों में लगना पड़ता था, जो यात्रियों के लिए बहुत परेशानी का कारण होता था। टोल अदा करने का काम भी मुश्किल और समय लेने वाला था तथा इस प्रकार से टोल देते समय भ्रष्टाचार को भी बढ़ावा मिलता था ,जो कि FASTag से अब समाप्त हुआ है ।
National Electronic Toll Collection (NETC) FASTag
FASTag – एक डिजिटल टोल भुगतान और संग्रह प्रणाली – ने वाहनों को टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता के बिना टोल शुल्क का स्वचालित कटौती करने में सक्षम किया है। परेशानी मुक्त और संपर्क रहित भुगतान प्रणाली ने यात्रियों के लिए बिना नकदी ले जाने या टोल बूथ पर रुकने की आवश्यकता के बिना यात्रा करना भी आसान बना दिया है, जिससे सड़क मार्ग से यात्रा में सुधार हुआ है।
FASTag ने टोल प्लाजा पर यातायात की भीड़ को कम करने में मदद की है, जिससे वाहन राजमार्गों पर तेज और अधिक कुशलता से चल सकते हैं।
फास्टैग कैसे काम करता है?
खरीदें और लिंक करें – वाहन मालिक किसी भी अधिकृत बैंक, टोल प्लाजा या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से फास्टैग खरीद सकते हैं। फिर वे वाहन पंजीकरण संख्या, बैंक खाता संख्या और केवाईसी दस्तावेज जैसे आवश्यक विवरण प्रदान करके फास्टैग को अपने प्रीपेड या बचत खाते से जोड़ते हैं।
विंडशील्ड पर लगाएं – एक बार फास्टैग सक्रिय हो जाने के बाद, इसे वाहन के विंडशील्ड पर चिपका दिया जाता है।
टोल प्लाजा पर पहुंचें के बाद – जैसे ही वाहन फास्टैग-सक्षम टोल प्लाजा के पास आता है, एक ओवरहेड RFID रीडर फास्टैग पर मौजूद विशिष्ट पहचान संख्या को पढ़ता है, और यह सब आपके कम रुके ही या बिना रुके ही संभव है। इस तकनीक के कारण उपयोगकर्ता को टोल टैक्स का भुगतान करने के लिए टोल प्लाजा पर रुकना नहीं पड़ता है।
स्वचालित भुगतान – टोल राशि स्वचालित रूप से जुड़े हुए खाते से काट ली जाती है और फाटक अपने आप खुल जाता है, जिससे वाहन को गुजरने की अनुमति मिलती है।
फास्टैग के अद्भुत फायदे –
रफ्तार बनाए रखें, परेशानी से बचें – फास्टैग के साथ टोल प्लाजा पर रुकना अतीत की बात हो गई है। सीधे गुजरें, अपनी रफ्तार बनाए रखें और समय के साथ साथ तेल भी बचाएं।
2021 के आंकड़े बताते हैं कि इस तकनीक ने राष्ट्रीय राजमार्गों और चुनिंदा राज्य मार्गों पर 9,78,200+ टन कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन कम किया है, जिससे हवा भी साफ हुई है और पर्यावरण को भी साफ़ करने में मदद मिली है l
ट्रैफिक जाम को अलविदा: पहले टोल को टोल पर देते समय काफी समय लगता था और वाहनों की लम्बी लाइन लगती थी पर अब यह झंझट खत्म हो गया है l अब फास्टैग के साथ जेब में कैश की चिंता नहीं, टोल बूथ पर ठहरने की जरूरत नहीं, बस गाड़ी दौड़ाएं और आराम से मंजिल तक पहुंचें।
ट्रैक रखें अपने टोल भुगतान को आसानी से – फास्टैग से किए गए भुगतान का हिसाब रखना बड़ा आसान है । रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एसएमएस और ईमेल से सूचना, साथ ही एक अलग फास्टैग पोर्टल जहां पूरा लेखा-जोखा देख सकते हैं।
रिचार्ज भी बड़ा आसान है – ऑनलाइन नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड या यूपीआई से रिचार्ज करने के बहुत सारे विकल्प मौजूद हैं। और फास्टैग की वैलिडिटी भी हमेशा-हमेशा के लिए हो जाती है जब तक ये रीडर से जुड़ा है और छेड़छाड़ नहीं हुई है।
फास्टैग कैसे पाएं?
फास्टैग हासिल करना बहुत ही आसान काम है।
यहां जानिए इसके दो सबसे आम तरीके:
टोल प्लाजा या बैंक पर जाएं:
अपने सबसे नजदीकी टोल प्लाजा या आईएनटीएएसएफ टैग जारी करने वाले किसी बैंक में जाएं।
अपने साथ केवाईसी दस्तावेज, गाड़ी का आरसी बुक, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट साइज फोटो जरूर ले जाएं।
वहां मौजूद एजेंट को एक फॉर्म भरकर जमा कर दें और फीस का भुगतान करें।
बैंक या टोल प्लाजा आपकी जानकारी और दस्तावेजों का सत्यापन करेगा।
ऑनलाइन आवेदन करें:
कई बैंक और डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे पेटीएम या अमेज़न पे पर ऑनलाइन आवेदन करें।
वहां भी वही जानकारी जैसे आरसी बुक, ड्राइविंग लाइसेंस और फोटो अपलोड करें।
ऑनलाइन पेमेंट करें और कुछ दिनों में फास्टैग आपके पते पर पहुंच जाएगा।
फास्टैग पाने में इतना ही आसान l
जैसा कि आप देख सकते हैं, फास्टैग हासिल करना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है। यह डिजिटल परिवहन की ओर भारत के कदम का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है, जिससे यात्रा और भी सुरक्षित, आरामदायक और पर्यावरण अनुकूल बनने की उम्मीद है।
वर्ल्डलाइन इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ईटीसी) समाधान के साथ भुगतान प्रक्रिया आसान और परेशानी मुक्त हो जाती है, जिससे यात्रियों को बाधा रहित डिजिटल भुगतान का अनुभव मिलता है।
भारतीय बाज़ार की इलेक्ट्रॉनिक टोलिंग ज़रूरतों को पूरा करने के लिए नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा विकसित।
देशभर में परस्पर संचालित टोल भुगतान समाधान प्रदान करता है, जिसमें समाधान और विवाद प्रबंधन के लिए क्लियरिंग हाउस सेवाएं शामिल हैं।राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (नेटसी) National Electronic Toll Collection (NETC) FASTag के द्वारा इस कार्यक्रम का संचालन किया जाता है l
what about the KYC deadline एक गाड़ी, एक फास्टैग –
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार 16 जनवरी 2024 को एक नया कदम उठाया है – ‘एक गाड़ी, एक फास्टैग’ पहल।
इसके पीछे दो मुख्य उद्देश्य हैं –
दक्षता बढ़ाना – यह पहल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ETC) प्रणाली को और अधिक कारगर बनाएगी, जिससे टोल बूथों पर ट्रैफिक जाम कम होगा और यात्रा में लगने वाला समय भी घटेगा।
नियमों का पालन – किसी एक गाड़ी के लिए कई फास्टैग रखने और बिना KYC कराए फास्टैग जारी कराने जैसी अनियमित गतिविधियों को हतोत्साहित किया जाएगा।
अब एक गाड़ी के लिए केवल एक ही फास्टैग मान्य होगा। यदि आपके पास एक ही गाड़ी के लिए कई फास्टैग हैं, तो 31 जनवरी 2024 के बाद सभी पुराने फास्टैग निष्क्रिय या ब्लैकलिस्ट हो जाएंगे। केवल सबसे हाल का फास्टैग ही चालू रहेगा।
यह सुनिश्चित करें कि आपके नवीनतम फास्टैग का KYC पूरा हो चुका है।
31 जनवरी के बाद KYC अधूरे फास्टैग बैंक द्वारा निष्क्रिय या ब्लैकलिस्ट कर दिए जाएंगे।
पिछले सभी जारी किए गए फास्टैग को अपने संबंधित बैंकों के माध्यम से निष्क्रिय कर दें।
फास्टैग को हमेशा गाड़ी की विंडशील्ड पर लगाएं।
गलत तरीके से लगाए गए फास्टैग के कारण टोल बूथों पर देरी हो सकती है और अन्य यात्रियों को परेशानी हो सकती है।
यह नया कदम क्यों ज़रूरी है?
हाल ही में एक गाड़ी के लिए कई फास्टैग जारी किए जाने और बिना KYC के फास्टैग जारी किए जाने के कई मामले सामने आए हैं।
ये अनियमित गतिविधियां ETC प्रणाली की दक्षता को कम करती हैं और टोल प्लाजा पर अनावश्यक देरी का कारण बनती हैं।
‘एक गाड़ी-एक फास्टैग’ पहल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन प्रणाली को और अधिक कुशल और न्यायसंगत बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। सभी FASTag उपयोगकर्ताओं का अनुरोध है कि इस पहल का पालन करें और बिना किसी परेशानी के सुगम यात्रा का आनंद लें
फास्टेग fastag में अपना बैलेंस कैसे पता करें
अगर आप अपना फास्टैग बैलेंस जानना चाहते हैं तो इसके आप लिए ग्राहक सेवा सहायता केंद्र के माध्यम से एक टोल-फ्री नंबर पर मिस्ड कॉल दे सकते हैं जो कि यह रहा – 8010928888
या आप अपने फ़ोन से 5676766 पर एसएमएस ETCBAL <वाहन पंजीकरण संख्या> भेज सकते हैं। आपका मोबाइल नंबर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के प्रीपेड वॉलेट के साथ पंजीकृत होना चाहिए।
फास्टैग जारी करने वाले बैंक की लिस्ट
क्रम संख्या | बैंक का नाम | क्या जारी कर सकता है (Issuer) | Acquirer |
1 | एयरटेल पेमेंट्स बैंक | हां | हां |
2 | एक्सिस बैंक लिमिटेड | हां | हां |
3 | एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक | हां | नहीं |
4 | बंधन बैंक | हां | नहीं |
5 | बैंक ऑफ महाराष्ट्र | हां | नहीं |
6 | बैंक ऑफ बड़ौदा | हां | नहीं |
7 | कैनरा बैंक | हां | नहीं |
8 | सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया | हां | नहीं |
9 | सिटी यूनियन बैंक लिमिटेड | हां | नहीं |
10 | डोम्बिवली नगरी सहकारी बैंक | हां | नहीं |
11 | कॉसमॉस बैंक | हां | नहीं |
12 | इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक | हां | हां |
13 | फेडरल बैंक | हां | नहीं |
14 | फिनो पेमेंट्स बैंक | हां | नहीं |
15 | एचडीएफसी बैंक | हां | हां |
16 | आईडीबीआई बैंक | हां | हां |
17 | आईसीआईसीआई बैंक | हां | हां |
18 | आईडीएफसी फर्स्ट बैंक | हां | हां |
19 | इंडियन ओवरसीज बैंक | हां | नहीं |
20 | इंडियन बैंक | हां | नहीं |
21 | इंडसइंड बैंक लिमिटेड | हां | हां |
22 | कर्नाटक बैंक | हां | नहीं |
23 | जम्मू और कश्मीर बैंक | हां | नहीं |
24 | करूर व्यास बैंक | हां | हां |
25 | कोटक महिंद्रा बैंक | हां | हां |
26 | पेटीएम पेमेंट्स बैंक | हां | हां |
27 | नागपुर नागरिक सहकारी बैंक | हां | नहीं |
28 | पंजाब नेशनल बैंक | हां | हां |
29 | सरस्वत बैंक | हां | नहीं |
30 | स्टेट बैंक ऑफ इंडिया | हां | हां |
31 | साउथ इंडियन बैंक | हां | नहीं |
32 | जलगांव पीपुल्स को-ऑप बैंक | हां | नहीं |
33 | त्रिशूर जिला सहकारी बैंक (केरल बैंक) | हां | नहीं |
34 | यूको बैंक | हां | नहीं |
35 | यूनियन बैंक ऑफ इंडिया | हां | नहीं |
36 | यस बैंक लिमिटेड | हां | हां |
37 | लिवक्विक/क्विकवॉलेट | हां | नहीं |
38 | पंजाब और महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक | हां | नहीं |