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पूर्ण सूर्य ग्रहण
इस वर्ष हमें पूर्ण सूर्य ग्रहण देखने को मिलेगा l सूर्य ग्रहण एकखगोलीय घटना है, जो तब होती है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है, तथा चन्द्रमा के बीच में आ जाने से यानि चंद्रमा सूर्य से आने वाले प्रकाश पथ को पृथ्वी पर पहुँचने से रोक देता है जिस कारण पृथ्वी के उस भाग में अँधेरा छा जाता है और पृथ्वी के उस क्षेत्र में सूर्य ग्रहण की घटना घटित होती है । पूर्ण सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2024) Total Solar Eclipse यह दुर्लभ नजारा सोमवार 8 अप्रैल, 2024 को देखने को मिलेगा। हालाँकि भारत में पूर्ण सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा तथापि इस सूर्य ग्रहण का समय भारतीय समय अनुसार रात 8 अप्रैल2024 को ,सोमवार रात 9 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगा और आधी रात (मंगलवार) को 1 बजकर 25 मिनट पर यह ग्रहण ख़त्म हो जायेगा। जिस वजह से सूतक काल भी मान्य नही होगा।
सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के लगते हैं :-
1.पूर्ण सूर्य ग्रहण Purn Surya Grahan(total solar eclipse)
2.आंशिक सूर्य ग्रहण(annular solar eclipse)
3.वलयाकार सूर्य ग्रहण(partial solar eclipse)l
सूर्य ग्रहण इस बात पर निर्भर करता है कि चंद्रमा की छाया किस कोण पर पृथ्वी का भाग ढकती है वास्तव में पृथ्वी से हमें देखने पर लगेगा कि सूर्य को हम देख नहीं पा रहे हैं , जैसी कि सूर्य का हिस्सा जो हमें नहीं दिखाई दे रहा है वह कहीं गायब हो गया है l
सभी प्रकार के सूर्य ग्रहण में सबसे प्रमुख ग्रहण – पूर्ण सूर्य ग्रहण होता है l पूर्ण सूर्य ग्रहण का बहुत ही खगोलीय व् ज्योतिषीय महत्व होता है l
भारतीय ज्योतिष के अनुसार पूर्ण सूर्य ग्रहण को बहुत ही विशेष महत्त्व प्राप्त है lपूर्ण सूर्य ग्रहण हर 100 साल में केवल एक ही बार लगता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण की स्थिति में पृथ्वी के उस भाग में पूरी तरह से अंधेरा हो जाता है जहाँ पृथ्वी पर चंद्रमा की छाया पड़ती है । इस दौरान चंद्रमा हमारी पृथ्वी के सबसे निकट स्थिति में आ जाता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी की स्थिति एकदम से एक सीधी लाइन की तरह होती है व् चंद्रमा उस स्थिति में होता है जहाँ से पृथ्वी और सूर्य को मिलाने वाली एक सीधी रेखा जो कि चंद्रमा के बीचो बीच से गुजरती है l
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पूर्ण सूर्य ग्रहण क्या होता है? (What is a Total Solar Eclipse)
पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान, चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के ठीक बीच में आ जाता है। नतीजतन, चंद्रमा सूर्य की रौशनी को पूरी तरह से रोक लेता है, जिससे पृथ्वी पर दिन में भी अमावस्या जैसा अंधकार छा जाता है। इस दौरान सूर्य का कोरोना, जिसे हम आमतौर पर नंगी आंखों से नहीं देख सकते, उसे भी कुछ समय के लिए दिखाई देता है। यह नजारा बेहद मनमोहक होता है। ऐसा लगता है की आसमान में कोई विशाल दैत्य ने चमकीली रौशनी का ताज पहना हो l
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सूर्य ग्रहण के समय गर्भवती महिला को क्या करना चाहिए?
भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं के लिए काफी सावधानियां बरतने को कहा गया है l
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। विशेष कर पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान ग्रहों की चाल बदलती है और नकारात्मक ऊर्जा का उत्सर्जन होता है। गर्भवती महिलाओं को इस समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि ग्रहण का प्रभाव गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ सकता है।
भारतीय ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं के लिए कुछ महत्वपूर्ण सावधानियोंके बारे में जानते हैं:
- धारदार वस्तुओं चाकू ,ब्लेड अदि का इस्तेमाल न करें-
भारतीय ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण के दौरान कैंची, सुई, ब्लेड या चाकू जैसी धारदार वस्तुओं का इस्तेमाल करने की मनाही है। ऐसा करने से बच्चे में शारीरिक या मानसिक विकृति हो सकती है, तथा माना जाता है कि गर्भ में पल रहे बच्चे पर ग्रहण का बुरा असर पड़ता है l
- हरी डाली,फल, फूल, पत्ते या लकड़ी न तोड़ें-
सूर्य ग्रहण के दौरान फल, फूल, पत्ते या लकड़ी नहीं तोड़नी चाहिए। शास्त्रों में ऐसा करने से ग्रहण दोष का प्रभाव गर्भवती स्त्री पर पड़ने की बात कही गई है।
- धार्मिक या शुभ काम न करें-
भारतीय ज्योतिष शास्त्रों में सूर्य या चंद्र ग्रहण के लगने पर किसी भी प्रकार की पूजा-पाठ समेत कोई भी अन्य धार्मिक या शुभ कार्यों जैसे शादी ,गृह प्रवेश आदि नहीं करना चाहिए।भारतीय ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण के समय शुभ काम करने की पूर्णतया मनाही है।
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सूतक काल में भोजन बनाना व् खाना निषेध है –
सूतक काल वह काल होता है जब ग्रहण शुरू होता है , शास्त्रों में कहा गया है कि इस समय में सूर्य या चन्द्र जिस भी ग्रह पर ग्रहण लगता हो , वह ग्रह इस समय में कष्ट में होता है और नकारात्मक उर्जा को छोड़ता है l ग्रहण के दौरान खाना न पकाएं। धार्मिक मान्यता है कि भोजन बनाने पर भोजन में दूब घास को डाल दे व् पीने के पानी में भी दूब व् तुलसी के पत्ते डाल कर रखे इससे राहु और केतु का प्रभाव क्षीण हो जाता है। ग्रहण के समय राहु-केतु का नकारात्मक प्रभाव पृथ्वी पर पड़ती है। ग्रहण से भोजन दूषित हो जाता है। ग्रहण के समय भोजन करने से स्वास्थ्य संबंधी परेशानी हो सकती है।
- घर में रहें-
ग्रहण के दौरान घर में रहना ही बेहतर है। बाहर जाने पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव शरीर पर पड़ सकता है।
- मन को शांत रखें-
ग्रहण के दौरान मन को शांत रखना बहुत जरूरी है। इस समय नकारात्मक विचारों से दूर रहें और योगध्यान लगाकर मैडिटेशन करें।
- सूर्य ग्रहण के दौरान यथा शक्ति दान करें:
ग्रहण के बाद दान करने से ग्रहण दोष से मुक्ति मिलती है। आप गरीबों को भोजन, दान-पुण्य कर सकते हैं।
यहाँ हमें इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है कि सूर्य ग्रहण का प्रभाव व्यक्तिगत रूप से अलग-अलग होता है। हाँ यदि आप गर्भवती हैं, तो सूर्य ग्रहण के दौरान आपको विशेष सावधानी बरतने की जरुरत होती है व् इस बारे आप अपने ज्योतिषी से सलाह ले तो ज्यादा बेहतर होगा।
यह लेख ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है। इसकी सत्यता सम्बन्धी तथ्यों आदि को पाठक गण अपने विवेकानुसार सत्यापित करें l
पूर्ण सूर्य ग्रहण को कैसे देखें (How to Safely View a Total Solar Eclipse)
सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से देखना अत्यंत खतरनाक होता है। सूर्य की तेज किरणें जो कि सूर्य ग्रहण के समय गंभीर विकिरण जनित होती है ,आंखों को स्थायी रूप से क्षति पहुंचा सकती हैं। पूर्ण सूर्य ग्रहण को देखने के लिए विशेष सोलर फिल्टर चश्मों (Solar Filter) का इस्तेमाल करना जरूरी है। ये चश्मे या फिल्टर सूर्य के प्रकाश को कमजोर कर देते हैं, जिससे सूर्य ग्रहण को सुरक्षित रूप से देखा जा सकता है।
पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान बरती जाने वाली अन्य सावधानियां (Other Precautions)
किसी भी दूरबीन या टेलीस्कोप का इस्तेमाल बिना सोलर फिल्टर के न करें।
हमें सूर्य ग्रहण को देखने के लिए सीधे सूर्य को नही देखना चाहिए l
बच्चों को किसी बड़े व् वयस्क की निगरानी में ही सूर्य ग्रहण देखने दें।
पूर्ण सूर्य ग्रहण का वैज्ञानिक महत्व (Scientific Significance of a Total Solar Eclipse)
पूर्ण सूर्य ग्रहण खगोलविदों को सूर्य के कोरोना का अध्ययन करने का एक अमूल्य अवसर प्रदान करता है क्योंकि सूर्य का कोरोना हम केवल तभी देख सकते हैं जब पूर्ण सूर्य ग्रहण लगा हो , आपको बताते चले कि कोरोना सूर्य का बाहरी वायुमंडल है, जो आमतौर पर सूर्य के तेज प्रकाश के कारण पृथ्वी से दिखाई नहीं देता। सूर्य ग्रहण के दौरान, कोरोना का अध्ययन करने से वैज्ञानिकों को सौर गतिविधि और अंतरिक्ष के मौसम को समझने में मदद मिलती है।
पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान हुई थी महत्वपूर्ण खोज
चाहे आप ग्रहण को आध्यात्मिक दृष्टि से देखें या वैज्ञानिक, यह एक अद्भुत घटना है। वैज्ञानिकों के लिए ग्रहण किसी महत्वपूर्ण अवसर से कम नहीं होता। यह एक ऐसा समय होता है जब हमारे सौर मंडल में अनेकों विलक्षण एवं अद्भुत घटनाएँ घटित होतीं हैं। इन घटनाओं का अध्ययन वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने में मदद करता है।
वर्ष 1968 में वैज्ञानिक लार्कयर ने सूर्य ग्रहण के दौरान एक महत्वपूर्ण खोज की। उन्होंने सूर्य के कोरोना मंडल में हीलियम गैस की उपस्थिति का पता लगाया। यह खोज ग्रहण के दौरान किए गए अध्ययन का ही परिणाम थी।
पूर्ण सूर्य ग्रहण वैज्ञानिकों को कई अमूल्य अवसर प्रदान करता हैं
सौरमंडल का अध्ययन: ग्रहण के दौरान वैज्ञानिक सूर्य, चंद्रमा और अन्य ग्रहों का गहन अध्ययन कर सकते हैं। वे इन ग्रहों की सतह, वायुमंडल और अन्य विशेषताओं का अध्ययन कर सकते हैं।
सूर्य ग्रहण के दौरान कर सकते हैं घटित होने वाली विभिन्न घटनाओं का अध्ययन: पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान कई अद्भुत घटनाएं होती हैं, जैसे कि सूर्य का कोरोना मंडल का दिखना जैसी महत्वपूर्ण घटना होना ।
सूर्य ग्रहण से ही प्रेरणा लेकर हुआ है कई नई तकनीकों का विकास: ग्रहण वैज्ञानिकों को नई तकनीकों का विकास करने का अवसर भी प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, वैज्ञानिकों ने ग्रहण का अध्ययन करने के लिए विशेष दूरबीन और उपकरण विकसित किए हैं।
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कहाँ लगेगा यह पूर्ण सूर्य ग्रहण
8 अप्रैल 2024, सोमवार को चैत्र अमावस्या के दिन लगने वाला पूर्ण सूर्य ग्रहण पुरे 54 सालों के बाद लग रहा है । यह पूर्ण सूर्य ग्रहण अमेरिका के 13 राज्यों में पूरी तरह से दिखाई देगा। इसके अलावा, यह कनाडा और मेक्सिको में भी दिखाई देगा।
तारीख: 8 अप्रैल 2024
दिन: सोमवार
तिथि: चैत्र अमावस्या
समय: 9:12 बजे रात से 1:25 बजे मध्य रात्रि तक
स्थान: अमेरिका (13 राज्य), कनाडा, और मेक्सिको
विशेषता: 54 सालों में पहली बार अमेरिका में पूर्ण सूर्य ग्रहण
भारत में यह पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई नहीं देगा।
अगला पूर्ण सूर्य ग्रहण कब लगेगा ?
8 अप्रैल २०२४ को लगने वाले पूर्ण सूर्य ग्रहण के बाद लगभग 20 वर्षों के बाद अगला पूर्ण सूर्य ग्रहण जो कि 8 अप्रैल को लगने वाले सूर्य ग्रहण की ही तरह होगा , जो की नासा के अनुसार २३ अगस्त २०४४ में लगेगा l
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